14 January, 2010

चिट्ठाचर्चा ब्लॉग पर मेरी छोटी सी टिप्पणी प्रकाशित नहीं की गई: शायद उनके पास कोई जवाब नहीं

चिट्ठाचर्चा की 11 जनवरी वाली एक पोस्ट में बड़े गर्व के साथ चिट्ठाचर्चा की पहली पोस्ट के अंश द्वारा यह समझाने का जतन किया गया था कि

...दुनिया की हर भाषा के किसी भी चिट्ठाकार के लिये इस चिट्ठे के दरवाजे खुले हैं.यहां चिट्ठों की चर्चा हिंदी में देवनागरी लिपि में होगी. भारत की हर भाषा के उल्लेखनीय चिट्ठे की चर्चा का प्रयास किया जायेगा।

13 जनवरी की शाम को मैंने जिज्ञासा के मारे टिप्पणी कर यह पूछ लिया कि

आप कहते तो हैं कि यहां चिट्ठों की चर्चा हिंदी में देवनागरी लिपि में होगी. भारत की हर भाषा के उल्लेखनीय चिट्ठे की चर्चा का प्रयास किया जायेगा

तो क्या मुझ मूरख को यह ज्ञान प्राप्त होगा कि अब तक 1050 पोस्टों में कितनी पोस्टों पर हिंदी-अंगरेजी के अलावा अन्य भारतीय भाषायों वाले ब्लोगो की चर्चा का प्रयास किया गया है? लिन्क दे सकें उन पोस्टों का तो आभार

यह उल्लेखनीय होना भी क्या कोई खास क्राईटेरिया है?


तब से आज शाम तक यह टिप्पणी प्रकाशित नहीं की गई है।जब्कि उसके बाद प्राशित पोस्ट की टिप्पणियां सामने लायी जा चुकी हैं

क्या मेरा प्रश्न अश्लील था?
क्या इसके द्वारा किसी पर कोई व्यक्तिगत आक्षेप किया गया था?
क्या इसमें असभ्य भाषा का उपयोग किया गया था?

क्या कोई ज्ञानी बता सकता है कि इस टिप्पणी में ऐसा क्या था जो इसे रोक रखा गया है? क्या चिट्ठाचर्चा के नियंत्रक कोई जवाब नहीं पा सके हैं या है नहीं?