tag:blogger.com,1999:blog-3907829058420401828.post6514045741046789962..comments2023-06-28T14:05:51.175+05:30Comments on मैं मूरख, तुम ज्ञानी: ब्लॉगवाणी करता है पक्षपात ख़ास ब्लोगरों के साथ: सबूत भी हैंज्ञानhttp://www.blogger.com/profile/03778728535704063933noreply@blogger.comBlogger89125tag:blogger.com,1999:blog-3907829058420401828.post-50553829583806946942010-06-19T12:06:40.529+05:302010-06-19T12:06:40.529+05:30ब्लागवाणी का बन्द होना दुखद और शर्मनाक है क्या हम ...ब्लागवाणी का बन्द होना दुखद और शर्मनाक है क्या हम झूठे चटकों के लिये ही लिखते हैं ? स्वार्थसाधना के लिये सब को परेशानी मे दाल दिया गया है। चिट्ठा जगत आसान नही लगता और कहीं गये नही<br /> हमजैसे तकनीक से अनजान लोग क्या करें क्या इस पर भी कोई सुझाव आयेगा?<br />ब्लागवाणी से प्रर्थना है कि इन बातों पर न जा कर अपना काम करें फिर जब कोई काम करेगा तभी आलोचना होगी } यहीं से पता चलता है कि कुछ काम हो रहा है।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3907829058420401828.post-13325234884463063532009-10-16T07:56:38.436+05:302009-10-16T07:56:38.436+05:30Dear Sir
We see many links of our company profile...Dear Sir <br />We see many links of our company profile here without our consent. <br />The given links have been posted on various websites with our consent . <br />Reviewing who viwed our profile we <br />have found that one server from<br />Steel Authority Of India responsible <br />for going on all these sites with span of few minutes. <br />Our investigations lead to zero three bloggers working in SAIL . <br />We have contacted SAIL / SAIL Bhilai for furthur clarifications . <br />sailbsp@sancharnet.in<br />sailco@vsnl.com<br />Our company is not a hindi blogger so why was there a need to accumlate and circulate this information . <br /><br />This is the information we have have from our profile on linkedin <br />Your profile has been viewed by 5 people in the last 7 days, including:<br />Someone in the Clerical function in the Graphic Design industry from Orlando, Florida Area <br />Someone in the Marketing function in the Automotive industry from India <br />Someone in the Leadership function in the Textiles industry from Singapore <br />Field Director at Republican Party of Minnesota <br />Someone at Steel Authority of India Limited <br /><br />The server was Nib (national Internet Backbone) (117.198.39.28}Bipin Nigamhttps://www.blogger.com/profile/02219830059136294935noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3907829058420401828.post-58391236142006090312009-10-01T10:14:11.665+05:302009-10-01T10:14:11.665+05:30समय मिले तो पढियेगा http://raksingh.blogspot.com...समय मिले तो पढियेगा http://raksingh.blogspot.com/2009/09/blog-post_30.htmlRakesh Singh - राकेश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/03770667837625095504noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3907829058420401828.post-51800052134121056102009-09-29T13:03:43.326+05:302009-09-29T13:03:43.326+05:30ज्ञान जी अगर मेरा आपको तुम कहना बुरा लगा है तो मैं...ज्ञान जी अगर मेरा आपको तुम कहना बुरा लगा है तो मैंने जहाँ-जहाँ तुम का प्रयोग किया है मैं आप लगा देता हूँ, अगर मैंने क्रोध वश कुछ गलत कह दिया हो तो मैं उसके लिए भी क्षमा चाहता हूँ। मैंने आपको कुछ दिनो का ब्लोगर कहा था लेकिन मैंने ये कहीं नहीं कहा था कि मैं पुराना ब्लोगर हूँ , मेरा कहना उन लोगो के लिए था जो आपसे बहुत दिनो पहले से ब्लोगिग कर रहे हैं। लेकिन वे लोग कभी भी इस तरह की तुच्ची बाते नहीं कीं। आप पसन्द को लेकर लिक रहे है तो कोई ये कह रहा है कि मुझे टिप्पणी नहीं मिल राह है तो इसका जिम्मेदार ब्लोगवाणी है क्या। आप कह रहे है कि आपने ब्लोग वाणी को बहुत से मेल भेजे लेकिन जवाब नहीं आया, नहीं आया तो क्या हुआ, आप का गुलाम है क्या ब्लोगवाणी दे या नां दे ये उसके ऊपर निर्भर करता है। आप कह रहे हैं बडे़ ब्लोगरो ने टिप्पणी नहीं दी, ब्लोगवाणी के नाम पर इसपर भी एक पोस्ट बना दिजीये और कह दिजीये कि ब्लोगवाणी पक्ष पात कर रहा है। आप कह रहे है कि आप जिस थाली मे खाते ही नहीं थे तो उसमे छेद क्या करेगें तो भाई अगर ऐसा है तो आपने ब्लोगवानी पर पोस्ट क्यों करते है। हाँ आपके कहना बिल्कुल सही है कि दिये तले अंधेरा रहता है , लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि जब दिया रहेगा तभी अंधेरा भी होगा ना।Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3907829058420401828.post-20023943790305376542009-09-29T12:44:59.530+05:302009-09-29T12:44:59.530+05:30@ चिपलूनकर जी
आपने प्रोफाईल की बात की थी, मैंने प्...@ चिपलूनकर जी<br />आपने प्रोफाईल की बात की थी, मैंने प्रोफाईल की बात की।<br />["यही नहीं, कुछ खासा विचारधारा की ब्लॉग पोस्टों की पसंद अप्रत्याशित रूप से बढ़ती रहती है…"] मैंने लिखी थी लेकिन आपके द्वारा आपत्तिजनक शब्द "खास विचारधारा" का उपयोग मैंने कहीं नहीं किया ध्यान से देख लीजिये।<br />आप ना तो बेनामी हैं,ना बिना प्रोफाईल वाले।यहां कई ऐसे हैं जिनका कोई प्रोफाईल उपलब्ध नहीं। आपके प्रोफाईल में कुछ तो है।<br />आपकी बातों का जवाब देने का मुख्य कारण है कि आप सभ्यता के दायरे में बात करते हैं।<br />अपने व्यवसाय से जब फुरसत होगी तो हिंदी के भले के लिये अवश्य कुछ करूँगा।<br />नाम में क्या रखा है शेक्सपियर कह गये हैं।<br />आप अपने ब्लॉग में क्या लिखते हैं,क्या रखते हैं,क्या हटाते हैं यह आपका अधिकार है चाहे कोई खुश हों ना हों<br />व्यवसाय के सिलसिले में शहर से बाहर जा रहा हूँ इसलिये मोडेरेशन भी चालू कर रहा। एकाध हफ्ते में वापस आना होगा। आपके साथ स्वस्थ बातें कर अचछा लगा।ध्नयवादज्ञानhttps://www.blogger.com/profile/03778728535704063933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3907829058420401828.post-24674894131508160062009-09-29T12:26:05.431+05:302009-09-29T12:26:05.431+05:30हम कैसे छोटे बच्चों की तरह लड़ते हैं. क्या यही बचा ...हम कैसे छोटे बच्चों की तरह लड़ते हैं. क्या यही बचा है अब! <br /><br />एक ब्लॉगवाणी है, जो कथित तौर पर कुछ "अजीब मानसिकता" वालें लोगों के द्वारा उकसाए जाने पर बंद कर दी जाती है. फिर दो दिन बाद चालू हो जाती है! <br /><br />मान-मनौवल होता है. आ जाओ आ जाओ आ जाओ होता है. कोई बहिष्कार कर रहा है, कोई एक सप्ताह तक ना लिखने की बात करता है.<br /><br /><br />क्या है यह सब? <br /><br />इसलिए ही हम लोग इतना पीछे हैं. क्या सार्थक करने को कुछ नहीं है.पंकज बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/05608176901081263248noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3907829058420401828.post-1504895302383028422009-09-29T12:19:33.958+05:302009-09-29T12:19:33.958+05:301) फ़ोटो मेरा ही है, इसका सबूत विभिन्न ब्लागर मीट क...1) फ़ोटो मेरा ही है, इसका सबूत विभिन्न ब्लागर मीट के फ़ोटो से आपको भिजवा सकता हूं… आप भी अपना फ़ोटो भिजवाईये सबूत के साथ…<br /><br />2) मेरे नाम से आपको पता नहीं चला कि मैं मराठी और कोंकणस्थ ब्राह्मण हूं… तो मुझे आश्चर्य है… "एम ज्ञान" से तो ऐसा कुछ खुलासा नहीं होता… <br /><br />3) शान्ति बनाये हुए हूं अभी तक… :) इसीलिये इतनी टिप्पणियों के बावजूद इस पर एक भी पोस्ट नहीं लिखी, जबकि इतनी टिप्पणियों को संकलित करके ही एक पोस्ट बन जाती… :) <br /><br />4) फ़िलहाल तो मैं आपके फ़ोटो और मेल आईडी का इंतज़ार कर रहा हूं, ताकि आपसे व्यक्तिगत सम्पर्क करूं और पूछूं कि "खास विचारधारा" से आपको इतनी एलर्जी क्यों है? और यदि आप कहें तो आपकी खुशी के लिये मैं अपने ब्लाग से "पसन्द" वाला कोड ही हटा दूं?Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3907829058420401828.post-22211276210329353372009-09-29T12:04:45.280+05:302009-09-29T12:04:45.280+05:30मेरा मेल आईडी मेरे ब्लाग पर साफ़-साफ़ अक्षरों में लि...मेरा मेल आईडी मेरे ब्लाग पर साफ़-साफ़ अक्षरों में लिखा है… कृपया ध्यान से देखें…<br /><br />["यही नहीं, कुछ खासा विचारधारा की ब्लॉग पोस्टों की पसंद अप्रत्याशित रूप से बढ़ती रहती है…"] यह लाइन आपकी पोस्ट से ही उठाई है… और अभी भी मौजूद है… अब ये न कहियेगा कि यह मैंने नहीं लिखा था…। आप बेनामियों और बगैर प्रोफ़ाइल वालों को जवाब नहीं देते हैं फ़िर भी आपने मेरी बातों का जवाब दिया, यानी इसमें कोई न कोई तथ्य अवश्य हैं…<br /> <br />अब जो बात बेनामी पूछ रहे हैं मैं भी पूछ लेता हूं कि दूसरों की लाइन को खराब या छोटी बनाने या मिटाने के बजाय, खुद आपने बड़ी लाइन क्यों नहीं खींच ली? याने कि एक नया एग्रीगेटर बनाईये, हिन्दी और आपका दोनों का भला होगा…Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3907829058420401828.post-16122070113506026572009-09-29T09:00:10.086+05:302009-09-29T09:00:10.086+05:30सभी को बधाई
ब्लॉगवाणी वापससभी को बधाई<br />ब्लॉगवाणी वापसज्ञानhttps://www.blogger.com/profile/03778728535704063933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3907829058420401828.post-46224129530063667632009-09-29T08:41:14.910+05:302009-09-29T08:41:14.910+05:30@ Etips-Blog
मुझे ब्लॉगवाणी से कोई जलन नहीं थी।अप...@ Etips-Blog<br />मुझे ब्लॉगवाणी से कोई जलन नहीं थी।अपकी बाकी बातों का जवाब तब देता जब आप्का प्रोफाईल मिलताज्ञानhttps://www.blogger.com/profile/03778728535704063933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3907829058420401828.post-44163573946863343372009-09-29T08:29:04.435+05:302009-09-29T08:29:04.435+05:30AAPKO APNE BLOG KO BAND KAR DENA CHAHIYE..BLOGVANI...AAPKO APNE BLOG KO BAND KAR DENA CHAHIYE..BLOGVANI SE ITNI HI JALAN THI TO AAP NAYA AGRINETOR KHADA KAR SAKTE THE..BAHI KUCHH BHI HO AAP TO BADE CHHUPA RUSTAM NIKLE.BLOGVANI GAYI TO KYA HUVA AAPKO 80 COMMENTS TO MILGAYE..<a href="HTTP://ETIPS-BLOG.BLOGSPOT.COM" rel="nofollow">READ MORE</a>>>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3907829058420401828.post-49193095158964712762009-09-29T08:17:30.933+05:302009-09-29T08:17:30.933+05:30@ चिपलूनकर जी
मैं नहीं जानता था कि "खास विचार...@ चिपलूनकर जी<br />मैं नहीं जानता था कि "खास विचारधारा" का शब्द व्यक्तियों के लिये किसी तरह की छोटी बड़ी शंका का कारण बन सकता है।आपकी आपत्ति जिस शब्द को लेकर है वह शब्द तो मैंने कभी लिखा ही नहीं तो जवाब क्यों दूं।चाहे तो पोस्ट के आने वाले पल के बाद लिये गये किसी स्नैपशॉट देख लें।उसके बाद आप अपना सवाल बदल मत दीजियेगा।<br />किसी भी काम को करने के लिये कोशिश ही की जाती है,ताल ठोक कर किये जाने वाले काम में कोई फेल हो जाये तो जगहंसाई होती है।सभी बड़े काम,अविष्कार,खोजें कोशिश करने के बाद ही हुयी थी जहां किसी को क्या नतीजा मिलेगा नहीं मालूम था।जिसे आप संभावनायों का निराला खेल बता रहे हैं वह खेल तो पसंद पसम्द के रूप में ब्लॉगवाणी ने शुरू किया था जो खुद ही निपट गया।<br />यदि आप मान सकते हैं तो यह बता दुं कि न तो मैं अपना कंधा किसी को इस्तेमाल करने देता हूं न ही मेरे हाथ में कोई बंदूक है।मैंने तो तालाब में एक कंकड़ फेंका था जो पहले से रखे संवेदन्शिल बम जैसी बातों के ट्रिगर पर जा पड़ा और कसूरवार बन गया।<br />=======<br />विषयागत - आप कहते हैं कि मेरे प्रोफाईल में न तो फ़ोटो है, न ही मेल आईडी, न ही फ़ोन नम्बर? सिर्फ़ दुर्ग, छत्तीसगढ़ लिखने से प्रोफ़ाइल पूरा हो जाता है? नाम तक तो पूरा नहीं लिखा है "एम ज्ञान" से हम क्या समझें?<br />तो आप अपना प्रोफाईल <a rel="nofollow"> देख लीजिये</a><br />न ही मेल आईडी,न ही व्यवसाय,न ही फ़ोन नम्बर?Ujjain(MP)लिखने से प्रोफ़ाइल पूरा हो जाता है? नाम लिखा है "सुरेश चिपलूनकर" सुरेश या चिपलूनकर से हम क्या समझें? फोटो जरूर लगी है लेकिन आप ही की है कौन जानता है क्योंकि इंटरनेट पर तो लोग अपने चहेते फूल,पतों,दोपाये,कार्टुन की फोटो भी लगा देते हैं<br />बंधु,एक को छोड़ बाकी उंगलियां खुद आप अपनी तरफ रखें हैं।<br />कृपया शांति बनाये रखेंज्ञानhttps://www.blogger.com/profile/03778728535704063933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3907829058420401828.post-25843454383089239922009-09-29T07:33:04.553+05:302009-09-29T07:33:04.553+05:30आपने सभी के सवालों का जवाब देने की "कोशिश&quo...आपने सभी के सवालों का जवाब देने की "कोशिश" (जी हाँ सिर्फ़ कोशिश) की है… लेकिन मेरी मुख्य आपत्ति यानी "खास विचारधारा" वाले शब्द पर कोई ठीकठाक तो क्या ढीलाढाला जवाब तक नहीं दिया? आपके द्वारा शुरु किये गये "संभावनाओं के खेल" में एक संभावना यह भी हो सकती है कि जिस तरह आपने खुशदीप के कंधे पर बन्दूक रखकर चलाई, कोई दूसरा, आपको आगे करके "खास विचारधारा" पर निशाना साध रहा हो…। <br />सम्भावनाओं का खेल बड़ा निराला है भैया… अब ये मामला इतनी आसानी से निपटने वाला लगता नहीं… जय हो… <br />==========<br />विषयान्तर - आपने एक जगह कहा था कि मेरा प्रोफ़ाइल खुला हुआ है, क्या खुला है हुआ है इस प्रोफ़ाइल में? न तो फ़ोटो है, न ही मेल आईडी, न ही फ़ोन नम्बर? सिर्फ़ दुर्ग, छत्तीसगढ़ लिखने से प्रोफ़ाइल पूरा हो जाता है? नाम तक तो पूरा नहीं लिखा है "एम ज्ञान" से हम क्या समझें?Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3907829058420401828.post-66206926977912727922009-09-29T07:07:28.936+05:302009-09-29T07:07:28.936+05:30@ दीपक जी
जो काम दीपक नहीं कर सकता वो काम मशाल तो ...@ दीपक जी<br />जो काम दीपक नहीं कर सकता वो काम मशाल तो कर ही देगी<br />जज तो खुद ब्लॉगवाणी बन गया जिसने एक मामूली सी तकनीकी खामी की ओर इशारा करने पर हजारों ब्लॉगरों की चाहतों को मार डाला।<br />यह तो सारी दुनिया,बेमतलब बता रही है कि मेरी लेखनी में कितना कमाल है<br />जो लोग निस्वार्थ काम करते हैं वे अपनी गल्तियां मालूम होने पर सुधार करते हैं न कि आत्महत्या<br />रही बात रेटिंग बढ़वाने वाली तो मुझे बता दीजिये कि मेरे ब्लॉग ने कहां रेटिंग बढायी।गूगल पर,अलेक्सा पर,इंडीब्ळॉगर पर,टेक्नोरेटी पर<br />पता कर बताईयेगा<br />अले ले ले लेज्ञानhttps://www.blogger.com/profile/03778728535704063933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3907829058420401828.post-72343736488930851442009-09-29T06:52:30.514+05:302009-09-29T06:52:30.514+05:30@ आदरणिया मिथिलेश दुबे जी
आम तौर पर तू तड़ाक की भा...@ आदरणिया मिथिलेश दुबे जी<br />आम तौर पर तू तड़ाक की भाषा में बात करने वाले को जवाब देना मैं पसंद नहीं करता। लेकिन जब आपका प्रोफाईल देखा तो पाया कि पडित समुदाय के छात्र होने के साथ साथ आपकी प्संदीदा पुस्तकें रामायण,गायत्री पुस्तक है,हिन्दि साहित्य मंच से जुड़ें है लेकिन दिये तले रह्ते हैं तो लगा कि दिया तले अंधेरा शायद इसे ही कहते हैं<br />चन्द दिनों की ब्लॉगिंग किसकी है आप देख लीजिये मई 2009 वाला चंद दिन का होता है या सितंबर 2008 वाला?<br />ब्लॉगवाणि को यह बात मेल द्वारा और सारवजनिक तौर पर दसियों बार बताई जा चुकी थी। आप खुद इतिहास छान लें। <br />मैं जिस थाली में खाता ही नहीं था तो उसमें छेद कहां करना था कैसे पता चलता<br />मेरी पोस्ट हिट हुई है तो आप जैसों के कारण हुई है वरना आप खुद देख सकते हैं कि ब्लॉगिंग के बड़े नाम यहाँ टिप्पणियों की सूची से गायब हैं।<br />अपनी जानकारी दुरूस्त कीजिये कि मेरे ब्लॉग़ पर ब्लॉगवाणी पसंद लगा ही नहीं था <br />अपनी तू तड़ाक की भाषा ऐसे ही रखियेगा आपका सामाजिक दायरा बहुत बड़ा होगा और आप अपने समुदाय व माता पिता का नाम सच में रौशन कर सकेंगेज्ञानhttps://www.blogger.com/profile/03778728535704063933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3907829058420401828.post-79451119600320673172009-09-29T02:28:26.897+05:302009-09-29T02:28:26.897+05:30अरे वाह, शाबाश ज्ञान जी, बहुत म्हणता का काम किया ह...अरे वाह, शाबाश ज्ञान जी, बहुत म्हणता का काम किया है आपने. ज़रा से चटका लगवाने के लिए मरे जा रहे लोगों के लिए तकनिकी खराबी को दोष न देकर व्यक्तिगत द्वेष करार दे डाला. भगवन न करे आप जज होते तो कितने निर्दोष मारे जाते. इससे दो फैदे हुए एक तो आपका ब्लॉग बहुत पोपुलर हो गया शायद इतने कमेन्ट तो जिंदगी में कभी न मिले होंगे, खुश हो लीजिये. और दूसरी बात चिठ्ठाजगत की आँखों के आप तारे बन गए. भाई साहब चटका न लगने से आपकी कला में कुछ कमी आ गयी क्या या उनकी में जिनके ब्लॉग पर चटका नहीं लगा. अगर आपका लिखा भी कोई चोरी करले तब भी कोई बड़ी बात नहीं है क्योंकि एक लेख चुरा लेगा हुनर थोड़े न. अगर सच में लेखनी में कमाल है तो एक दिन दुनिया के सामने आएगी ही, कोई नहीं रोक सकता और अगर रुक भी गया तो क्या? इतने बड़े कलाकारों को दुनिया भूल जाती है हम और आप हैं किस खेत की मूली. ब्लोग्वानी वालों के बंद कर लेने को आप शर्म के कारन की गयी खुदकुशी कह रहे हैं, अरे अगर आपमें ज़रा भी इंसानियत और शर्म है तो सोच के देखिये की निस्वार्थ कोई काम करने पर, लोगों का भला करने पर जब वो लोग ही जूता लेकर मारने को खड़े हो जाएँ जिनका भला कर रहे हों तो आपे क्या गुजरेगी शायद तब आप भी अपनी मौत को शर्म के कारण मरना ही बोलेंगे. है न? माफ़ करना इतना बुरा जीवन में किसी से नहीं बोला लेकिन आपकी इस नापाक और सिर्फ रेटिंग बढ़वाने के लिए की गयी गन्दी हरकत की वजह से बोलना पड़ा. कल को आपका कंप्यूटर चलते चलते बंद हो जाये तो जिस कंपनी का मशीन है उसके खिलाफ कोर्ट में जाके कहना की जी पर्सनल दुश्मनी निकाली है मेरे साथ. अब बड़े हो जाइये ये बचकानी हरकतें शोभा नहीं देतीं आपको. <br />अले ले ले ले कहके कब तक सब बहलाते रहेंगे आपको.दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3907829058420401828.post-5029968646469322302009-09-29T01:54:29.537+05:302009-09-29T01:54:29.537+05:30मैं भी सहम्त हूँ दुबे जी से..जिसे जाना था वे जा चु...मैं भी सहम्त हूँ दुबे जी से..जिसे जाना था वे जा चुके..मगर दंगल अभी भी पूरी शिद्दत से जारी है..अपूर्वhttps://www.blogger.com/profile/11519174512849236570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3907829058420401828.post-48751120641616119032009-09-29T00:33:31.561+05:302009-09-29T00:33:31.561+05:30मिथिलेश दुबे से शत प्रतिशत सहमतमिथिलेश दुबे से शत प्रतिशत सहमतAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/09390660446989029892noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3907829058420401828.post-56535161760058290382009-09-29T00:31:48.978+05:302009-09-29T00:31:48.978+05:30बड़ा दुःख होता है तुम जैसे ब्लोगरो को देखकर जो की ...बड़ा दुःख होता है तुम जैसे ब्लोगरो को देखकर जो की चन्द दिनो की ब्लोगिग मे पसन्द को लेकर इतना परेशान हो जाते है। अरे बकवास लिखो गे तो कोई तुम्हे पसन्द ना करेगा। अब तुम चाहते हो की तुम ही सारे पसन्द पर टिक लगा दो और तुम्हारा पोस्ट हीट जाये और ज्यादा से ज्यादा लोग पढ़े, । मुझे समज नहीं आता इस प्रकार के पोस्ट लिखने का क्या फायदा है। अरे तुम्हे ब्लोगवाणी से इतनी ही परेशानी है तो कोई तुम्ही नया एग्रिगेटर बना दो जो की ब्लोगवाणी को पिछे छोड़ सके, है माद्दा हो तो करो। दुसरो पर आरोप लगाना बड़ा सरल होता है कभी किसी ब्लोग का संचालन कर के देखो पता चलेगा की कितनी दिक्कते आती है।<br /><br /> हो सकता है कि कहीं कोई दिक्कत हो पसन्द को लेकर, तो ये बात तुम ब्लोगवाणी को मेल के माध्यम से भी बता सकते थे, सरेआम करने की क्या बात थी। जिस थाली में खाते हो कमसे कम यार उसे तो छोड़ दिया करो। अब लिखो पसन्द पर पोस्टे और पढ़वाओ सबको ।Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3907829058420401828.post-69977892689071484352009-09-29T00:31:48.694+05:302009-09-29T00:31:48.694+05:30आदरणीय ज्ञान जी, जो होना था वो तो हो गया। मेरा खया...आदरणीय ज्ञान जी, जो होना था वो तो हो गया। मेरा खयाल है आप अपने उद्देश्य में सफल हो गए। बधाई स्वीकार करें।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09390660446989029892noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3907829058420401828.post-27509643975816345672009-09-29T00:02:08.084+05:302009-09-29T00:02:08.084+05:30@ बवाल जी
कुछ अनामियों ने अपरोक्ष यह जाहिर किया था...@ बवाल जी<br />कुछ अनामियों ने अपरोक्ष यह जाहिर किया था इसलिये इस पर प्रतिक्रिया नहीं दी थी। आप सनाम आयें हैं शक जाहिर करते तो मुझे डर लग रहा है कि मेरी रामलीला वाली फोटो तो नहीं देख ली आपने।<br />आदरणिया पाबला जी की तो पैर की धूल भी नहीं हो सकता मै,उनके जैसा क्या लगूंगा।<br />ये जरूअर है कि वे मेरे पडोसी शहर के हैं तो उन की खबर रहती है। किसी के लिये उनके जैसा होना किस्मत की बात होगीज्ञानhttps://www.blogger.com/profile/03778728535704063933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3907829058420401828.post-13165353030148806652009-09-28T23:58:34.020+05:302009-09-28T23:58:34.020+05:30Mr. Bavaal has a point Your Honour !Mr. Bavaal has a point Your Honour !मुनीश ( munish )https://www.blogger.com/profile/07300989830553584918noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3907829058420401828.post-77813950417217768662009-09-28T23:57:52.070+05:302009-09-28T23:57:52.070+05:30ये पूरा प्रकरण ही अत्यंत खेदजनक है। न केवल आरोप-प...ये पूरा प्रकरण ही अत्यंत खेदजनक है। न केवल आरोप-प्रत्यारोप खेदजनक हैं वरन नीजर्क प्रतिक्रिया में ब्लॉगवाधी को बंद किया जाना भी। क्या कहें बेहद ठगा महसूस कर रहे हैं...अगर ब्लॉगवाणी केवल एक तकनीकी जुगाड़ भर था तो ठीक है जिसने उसे गढ़ा उसे हक है कि उसे मिटा दे पर अगर वह उससे कुछ अधिक था तो उस पर उन सभी शायद लाख से भी अधिक प्रविष्टियों की वजह से था जो इस निरंतर बहते प्रयास की बूंदें थीं तथा इतने सारे लोगों ने उसे रचा था.... हम इस एप्रोच पर अफसोस व्यक्त करते हैं। यदि कुछ लोगों की आपत्ति इतनी ढेर सी मौन संस्तुतियों से अधिक महत्व रखती है तो हम क्या कहें...।मसिजीवीhttps://www.blogger.com/profile/07021246043298418662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3907829058420401828.post-89749069351521473072009-09-28T23:41:47.377+05:302009-09-28T23:41:47.377+05:30आदरणीय ज्ञान जी, आप हमें पाबला जी जैसे क्यों लग रह...आदरणीय ज्ञान जी, आप हमें पाबला जी जैसे क्यों लग रहे हैं भला ? खै़र, जाने दीजिए। हा हा।बवालhttps://www.blogger.com/profile/11131413539138594941noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3907829058420401828.post-9875164913412425202009-09-28T22:36:38.936+05:302009-09-28T22:36:38.936+05:30@ सतीश पंचम जी
जब ब्लॉगवाणी का गुडबाय मैसेज कहता ह...@ सतीश पंचम जी<br />जब ब्लॉगवाणी का गुडबाय मैसेज कहता है कि<br />>>ब्लागवाणी की पसंद का दुरुपयोग साधारण प्रयोक्ता के लिये आसान नहीं था (विसेश प्रयोक्ता के लिये आसान था?)<br />>>कुछ समय में ऐसी ब्लाग पोस्ट आयीं जिनमें ब्लागवाणी की पसंद का दुरुपयोग करके बेबात बढती पसंद पर चिंता जताई गई थी।(दूसरे ब्लॉगरों की पुरानी पोस्टें देखिये) <br />>>अपने इन्टरनेट कनेक्शन को बार-बार डिसकनेक्ट करके फिर से कनेक्ट कर IP बदल कर और ब्राउज़र में कैश मिटाकर या IP बदलने वाले औजरों का प्रयोग करके पसंद बढाने के बारे में बताया गया था।(आप दूसरे ब्लॉगरों की ऐसी पुरानी पोस्टें देख सकते हैं)<br />>>नकली पसंदो का अध्ययन किया गया था(नतीजे में ब्लॉगवाणी ही बंद कर दी)<br /><br />और आप कहते हैं कि<br />>> कुछ ब्लॉगरों की नीयत ही खोटी थी।(क्या आप बता सकते हैं कि वे कौन कौन थे?)<br />तो मेरी बातों से असहमति और विरोध क्यों? क्योंकि मैंने यह बात जाहिर की इसलिए?<br />जैसा कि पहले भी कहा गया है कि ब्लॉगवाणी का मूल मुद्दे पर कोई स्पष्टीकरण नहीं है कि जब उनका प्रोग्राम किसी ब्लाग पर आने वाली पसंदे कुछ समय के लिये रोक देता है तो घंटों हफ्तों महीनों के बाद भी किसी पोस्ट में पसंद का आंकडा क्यों नहीं बढ़ता?<br />जनाब ब्लॉगवाणी मामला उतना मासूम नहीं है जितना दिखता है। यह तो सबूतों को मिटा दिये जाने की प्रक्रिया में किया गया काम लगता है। वैसे अब खबरें यह भी हैं कि इसको चलाये रखने के लिये दसियों हजार रूपये लग रहे थे जो कि निश्चित ही किसी को भी निजी तौर पर मुफ्त सेवा देने वाले को भारी पड़ते होंगे।ज्ञानhttps://www.blogger.com/profile/03778728535704063933noreply@blogger.com