21 February, 2009

क्या होगा, इस ब्लॉग का, जो गंभीर संवैधानिक अपराध कर रहा है?

मेरे ख्याल से पिछले चौबीस घंटों में अधिकतर ब्लागरों ने यह टिपण्णी पायी होगी कि

फ़ालो करें और नयी सरकारी नौकरियों की जानकारी प्राप्त करें:
सरकारी नौकरियाँ

ये कथित टिप्पणी आपको हर विषय की पोस्ट के ज़वाब में मिल जायेंगी, हर जाने-माने नियमित ब्लॉग पर मिल जायेंगी। लगभग 170 ब्लॉग का पीछा करने वाला अपने ब्लॉग का पीछा करवाने पर तुला हुया है!

हर ब्लॉगर चाहता है कि उसके ब्लॉग पर लोग आ कर टिप्पणी करें। ट्रैफिक बढायें। विज्ञापनों पर क्लिक करें। लेकिन यह 'विनय' पूर्वक कभी कहते हैं आप सादर आमंत्रित हैं, आनन्द बक्षी की गीत जीवनी का दूसरा भाग पढ़ें और अपनी राय दें! कभी कहते हैं फ़ालो करें और … इन्हें ब्लॉग लेखक के विचारों से कतई मतलब नहीं। अपने ब्लॉग पर इन्होंने, भारत सरकार का प्रतीक चिन्ह भी लग रखा है, जो एक गंभीर वैधानिक अपराध है।

इस राष्ट्रीय प्रतीक के बने नियम में साफ लिखा है कि कोई भी व्यक्ति किसी व्यापार, कारोबार, आजीविका वृत्ति आदि के प्रयोजन के लिए अथवा किसी शीर्षक डिजाइन में प्रतीक अथवा उससे मिलते जुलती नकल का प्रयोग नहीं करेगा।

आज मैंने, मेरे कई ब्लॉगर साथियों ने गूगल को शिकायत दर्ज करवायी है, इनकी हरकतों और भारत सरकार के प्रतीक चिन्ह के उपयोग के विरूद्ध । भारतीय एजेंसियों तक भी बात पहुंचाई जा रही है। आप भी कम से कम गूगल पर इनके ब्लोग की शिकायत कर सकते हैं। बेशक यह ब्लॉग चर्चित हो जायेगा, लेकिन इसे ख़त्म तो होना ही होगा।

अब यह देखना बाकी है ये सार्वजनिक रूप में, अपने ब्लॉग पर अपने पाठकों से क्षमा मांगते हुये, भारत सरकार का प्रतीक चिह हटाते हैं या नहीं। ये हटायें या ना। गूगल cache में तो इनकी हरकत रिकॉर्ड ही है।

नहीं तो भारतीय संविधान में इनके विरूद्ध त्वरित कार्रवाई हेतु कई प्रावधान हैं। जिनमें मूल रूप में THE EMBLEMS AND NAMES (PREVENTION OF IMPROPER USE) ACT, 1950 प्रमुख है। बाकी इसके लिए दो कानून हैं जिनमें- भारत का राज्य संप्रतीक (अनुचित प्रयोग प्रतिषेध) अधिनियम 2005 और भारत का राज्य संप्रतीक (प्रयोग का विनियम) नियम 2007।

वैसे इस चिन्ह के उपयोगकर्ता आदि की अधिक जानकारी के लिए इस आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति को पढ़ सकते हैं।

तो इंतज़ार किस बात का!?