25 March, 2009

एक और लेख चुराकर दो ब्लॉगों पर डाला गया

लगातार यात्रायों के कारण, एकाग्र हो कर इंटरनेट पर बैठ पाना बहुत मुश्किल होता है। आज फुरसत से बैठा, ब्लॉगवाणी पर नज़र गयी पहले पन्ने पर ही चौंक पड़ा। नये साल की शुरूआत में जिस CNBC, IBN  के जोश वेबसाईट वाले लेख को पढ़ मन वाह-वाह कर उठा था, वही लेख आज किसी ने अपने नाम से छाप दिया है, बिना किसी सौजन्यता के। पढ़ने वाले उन्हें उकसा भी रहे हैं कि लिख्ते रहिए।

थोड़ी तहकीकत की तो पता लगा एक और स्थान पर भी वही लेख शब्दश: डाल दिया गया है, अपने नाम के साथ, बिना सौजन्यता के, बिना उल्लेख के!

यकीन नहीं होता? देखिये चित्र उस ब्लॉग का जिसका नाम ही है इसको देखो 24 मार्च को
















दूसरा ब्लॉग है, जिसका नाम है हिन्दुस्तान का दर्द 21 फरवरी को


















अब देखिये मूल लेख 9 जनवरी को



















अब कहना पड़ेगा जोश देखो या इसको देखो ये है हिन्दुस्तान का दर्द 

5 comments:

Unknown said...

यही बिड़ंबना है आखिर क्या किया जा सकता है ?

अविनाश वाचस्पति said...

सौजन्‍य तो उसके प्रति होनी चाहिए

जो पोस्‍ट लगाकर फिर सो गया है

आखिर यह चुराकर ही सही इसका

प्रचार तो कर रहा है वो भी फ्री में।

संगीता पुरी said...

कैसे कर सकते हैं लोग यह ?

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद said...

यही तो है हिंदुस्तान का दर्द कि चोर और साहूम एक ही घाट पर पानी पीते रहते हैं:)

36solutions said...

मैं इतने दिनो तक एक ही शहर में रहकर आपके ब्‍लाग से अपरिचित रहा । आपके ब्‍लागिया शीर्षक की भांति मैं मूरख, तुम ज्ञानी ......