हाल ही में जब मुंबई हमलों में पकड़े गये युवक, कसाब ने जज के सामने एकाएक खुद ही अपनी उम्र 21 वर्ष बतायी और गड़बड़ी का आभास होते ही सिर पकड़ कर बैठ गया तो अपन भी मुस्कुरा दिये थे। सच ही कहा है किसी ने कि दिल की बात कभी ना कभी लबों पर आ ही जाती है।
कल ही जब ब्लॉगवाणी से लिंक पकड़ कर एक ब्लॉग तक पहुँचा तो दंग रह गया।
उस महिला ब्लॉगर ने यह लिख मारा था कि …
अब मैं कैसे लिखूँ? मैंने लिख दिया तो वही महिला ब्लॉगर मुझ पर नारी जाति के लिए अपशब्दों का प्रयोग करने की तोहमत लगाते हुए अपनी खास शैली में पता नहीं क्या-क्या लिख देंगीं।
आप खुद ही देख लीजिए ना

उनके लिखे शब्दों को यदि कोई पुरूष लिख देता तो अब तक बवाल खड़ा हो गया होता। क्भी अपने प्रोफाईल पर कथित अपशब्दों का प्रयोग न करने के लिए सावधान करने वाली इन महोदया को स्वयं ऐसे शब्द लिखते देख मैं चकित हूँ। आखिर किसी की बपौती थोड़े ही हैं यह शब्द। शायद ऐसी सोच रखने वाले पुरूषों का एकाधिकार तोड़ा जा रहा है। तभी तो वे आगे लिखतीं हैं 'ऐसी सोच से उबरें'
अपडेट: किन्हीं अज्ञात कारणों से वह पूरी पोस्ट, टिप्पणियों समेत हटा दी गयी है। लेकिन गूगल के कैश में वह मौज़ूद है आप इन दो लिंक्स द्वारा उसे देख सकते हैं।
3 comments:
lagta hai gulati ji ne post hata diya hai kafi koshish karane par bhi nahi mila....
samajh me nahi aata kyu log aisi bato ka sahara lekar pracharit hona chahte hain...
atul bhardwaj
mass media
atul ji
post upadate kar di gayi hai phir se dekh lo
नमस्कार,
इस बार आपको दोबारा टिप्पणी करते देखा तो आपसे कुछ कहने का मोह त्याग नहीं सके।
महिलाओं द्वारा झंडा बुलन्द करने के बाद भी इसलिए कुछ नहीं कहा गया क्योंकि आप यहाँ टिप्पणी दे चुके थे। अब कुछ भी कह कर उनको अपनी जान थोड़े ही खबानी है।
आपके ब्लाग की भी सामग्री उन्होंने देख ली होगी।
अब यही कहा जायेगा कि पुरुष सोच है, इलिए कुछ नहीं कहा।
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