28 June, 2009

ऐसा क्या था इस टिप्पणी में जो इसे प्रकाशित करने में डर लगा?

अभी कुछ दिन पहले एक पोस्ट दिखी थी जिसमें हिंदी ब्लॉगिंग पर लगातार किए जा रहे कटाक्ष को देखते हुये कुछ तुकबंदी की थी। टिप्पाणी करने वालों ने उस पर तरह तरह के कयास लगाये। उसमें एक जगह यह भी कहा गया था कि जिस थाली में खाते हैं उसी में छेद करते हैं। मुझे बड़ा अटपटा लगा था पूरा मामला। क्योंकि आधा-अधूरा ही समझ में आ सका था। मूरख जो ठहरा :-)

उसके बाद बड़ी वीरता दिखाते हुये अनामी -अनामी जैसा एक खेल शुरू हो गया। कभी कभी मोडेरेशन जैसी कराहट-चिल्लाहट सुनने लगी। हिंदी ब्लॉगिंग की देन कहे जाने वाले ब्लॉग पर आज जब हिंदी ब्लॉगरों पर थू-थू करती एक पोस्ट आयी तो मन और खिन्न हो गया। इसी सिलसिले में आपके सामने एक ऐसी टिप्पणी जाहिर कर रहा हूँ जिसे उस ब्लॉग के कर्ता-धर्ता ने बड़ी सफाई से प्रकाशित ही नहीं होने दिया। मेरी अप्रकाशित टिपाणी और उनका ईमेल में आया जवाब नीचे देखिए।

मैंने लिखा था:
आपने खुद statcounter नहीं लगाया हुया और दूसरों को सलाह दे रहीं। और रही बात abuse करने की तो आपकी एड़ियाँ घिस जायेंगी यह साबित करने में कि मुझ जैसे 59.95.183.227 आई पी एड्रेस वाले ने आपके साथ क्या दुर्व्यवहार किया है।

यदि इतना ही माद्दा रखती हैं तो क्यों गिड़गिड़ाती हैं किसी के सामने कि अपने ब्लॉग से फलां-फलां टिप्पणियाँ हटा लो? जाईये शिकायत कीजिये। साबित कीजिये। क्यों फोन करती हैं किसी को? क्यों मेल करती? क्यों अनाम बन कर टिप्पणी करती हैं फिर जब देखती हैं कि प्रतिक्रिया ही नहीं आयी तो बाद में कहती हैं कि वो टिप्पणी मेरी थी मैंने पीसी पर लॉगिन नहीं किया था इसलिये अनाम बन कर टिप्पणी की, अब नाम बता रही हूँ। पता नहीं कितनी जगह तो आपने बताया ही नहीं। आग लगा कर तमाशा देखते रहे आप।

ये नहीं समझ आता कि आपका भी आई पी कोई देख रहा होगा?

और हाँ ज़रूरत पड़े तो बताईयेगा। अपना पता यहीं लिख देता हूँ। वैसे मैं इस वक्त दुर्ग में हूँ।

उनका जवाब आया ईमेल में:
i counot find any email id on your blog and neither in this comment so where should i contact you . and as conversations on phone and email i am happy that with this comment of yours i can 2+2 and i do record the converstations so that what i spoke i remember
as regds stat counter its for people who want to use it i will if i want please so what is the point in tellingme my ip address is under survilence i am aware of it
rachna

यह टिप्पणी इस पोस्ट पर की गई थी।

अब इसे रोके जाने के कितने कारण होंगे, आप बताईये

18 comments:

अजय कुमार झा said...

मित्र आपने जिस पोस्ट का जीकर किया वो मेरी ही थी..और जिस तरह आपका मन खिन्न है ..ठीक उसी तरह मेरा भी था ..या कहूँ की ज्यादा खिन्न था..मेरे साथ भी लगभग वैसा ही हुआ..और अब lagtaa है की और भी कई लोगों की साथ हुआ होगा..या अब भी हो रहा है..अब मेरे अपना अनुभव कह रहा है की कुछ लोग इस ब्लॉग्गिंग का इस्तेमाल अपनी जागीर की तरह ..एक तानाशाह बन कर करना चाहते हैं.....ऐसे लोग न जाने अपने जीवां की निराशा..अपने नकारात्मक अनुभवों के आधार पर पूरे ब्लॉग जगत में एक अजीब सी सडांध फैला रहे हैं...ऊपर से तुर्रा ये की न जाने कितनो का प्रतिनिधितव करते हैं..इसके बाव्जोद उन्हें वो अपेक्षित (पता नहीं कितनी अपेक्षा है ) रूतबा हासिल नहीं हो रहा है..उन्हें प्यार ,स्नेह की भाषा नहीं आती..आलोचना और आत्म्मुघ्धता ही उनकी शैली है..मुझे तो लगता है ऐसे जो भी जहां भी हैं उनका प्रतिकार और बहिष्कार ही सबसे उचित रास्ता है..वहाँ टिप्प्न्नी ही ना की जाए जहां उसकी क़द्र न हो...पोस्ट और अपनी भावना साझा करने के लिए धन्यवाद..वैसे मैं फिर कुछ लिखने वाला हूँ.......

ज्ञान said...

एक बात लिखना भूल गया था कि उनका यह जवाब अनामी बन कर किया गया था। अब मेरा ईमेल नहीं दिया हुया प्रोफाईल में इसलिये मेरी ही 9 महीने पहले लिखी अनाम रह कर टिप्पणी न देने का आग्रह करती एक पोस्ट पर टिप्पणी कर दी अनामी बन कर। उसी में फिर एक अनामी टिप्पणी है। चांहे तो देख लें

@अजय जी मुझे याद नहीं था कि वह आपकी पोस्ट थी। लिखने तो मैं भी लगा हूँ कि किस तरह एक महिला ब्लॉगर औरत को चीज कहे जाने का अहसास होने पर भड़क जाती है और बाद में अपनी ही पोस्ट और टिप्पणियों में ऐसा कुछ लिख बैठती है जिससे चीज होने का प्रमाण मिल जाता है।

इंतजार किईजिये :-)

Anonymous said...

comment rejection is the right of the blog owner and this right has been given by google so its my own jusdgement to delete this comemnt from my blog as you are in your with rights to start a discussion on the same on your blog . thanks for putting it here .
regds
rachna

Anonymous said...

comment rejection is the right of the blog owner and this right has been given by google so its my own judgement to delete this comment from my blog as you are within your rights to start a discussion on the same on your blog . thanks for putting it here . hope nice discussions come out and good inferences are made and yes ajay its good not to comment on blogs where the comment is deleted . the craze to be in lime light makes people put in their phone numbers in the comments
regds
rachna

अजय कुमार झा said...

phone number.....अरे नहीं मुझे तो हिंदी आती है भाई...फोन नंबर किस सन्दर्भ में दिया गया था..उस पर गौर फ़रमाएँ ..उसका उपयोग किस तरह और क्या करने के लिए किया गया ..उस पर मैं गौर फरमा रहा हूँ...ये हो सकता है की किसी को मेरी बात गलत लगे..शायद एक को. दो को..या तीन को भी..लेकिन जब हर दुसरे को मुझमें कोई गलती दिखे तो समझ लेना चाहिए की कमियाँ मुझ में ही हैं...हिंदी जिसे समझ में आती हो वो जरूर ..हिंदी में इसे समझ सकेंगे...जो हिंदी में लिखना जानते..हिंदी में ब्लॉग्गिंग कर सकते हैं..तिप्प्न्नियाँ.... .............?

Arvind Mishra said...

भारतीय संस्कृति के उदात्त नियम नारी के साथ सम्मान से पेश आने की हिदायत करते हैं -पर नारी को भी अपने सम्मान /डिग्निटी ख्याल रखना चाहिए ! ब्लॉग जगत की कई सम्मानित नारियां इसके सर्वथा योग्य हैं -कोई एक मछली तालाब गंदा करती है तो उसमें सभी का क्या दोष ?
वैसे उचित तो क्षमा करना है मगर भूल जाना श्रेयस्कर है जैसे मैं भूल जाने में विश्वास करता हूँ !

Anonymous said...

थू थू करती पोस्ट लिखे जाने पर कोई आपत्ति नहीं!
मतलब थू थू की गयी? वाह क्या बात है। हिंदी ब्लागिन्ग की यही देन है क्या

Anonymous said...

यहां भी अनाम होकर जो टिप्पणी कर रहा और नाम लिखा जा रहा rachna । अब कौन बतायेगा कि कमेन्ट उसी नामधारी का है या कोई और यह नाम लिखकर दिल्ली, मूम्बई, कोलकाता से कर कमेन्ट कर रहा। फिर क्या पता कितनों को लगा रखा होगा अपने नाम से कमेन्ट करने के लिए! जैसा कि rachana की ताजी पोस्ट में भी कहा गया है

अपने प्रोफाईल में लॉगिन कर कमेन्ट करने में कोई आफत आ जाती है क्या????????

Anonymous said...

har post par dinesh ke naam se post hataane ki rai dene vaalaa gang kahaan hai. is post ko hataane ke liye bhi summon bhejaa jaanaa chaahiye ki nahin

Anonymous said...

अज़ीब लिखा-पढ़ी चल रही :-)

Gyan Darpan said...

इस अजीब लिखा पढ़ी का हमें तो कोई मतलब नहीं समझ आया

कुश said...

बहुत दिन से सोच रहा था ससुर ई बिलोगर लोग अब क्या करेंगे... पर नहीं ये तो फिर मुद्दा ढूंढ निकाल लाये.. धन्य है ब्लॉगजगत.. हर दिन दिन में कुछ न कुछ लफडा तो निकाल ही लाते है...

Anil Pusadkar said...

जय छत्तीसगढ।सबले बढिया छत्तीसगढिया।ज्ञान भाई काहे इन सब पर ध्यान देते हो।मेरी एक पोस्ट पर अनाम भाई ने लिख मारा कि किसी अच्छे चैनल मे नौकरी नही मिल पाने का मलाल है मुझे,फ़िर एक मे लिखा अजीब सी कुण्ठा नज़र आ रही है।अब कौन बताये नौकरी जिस्ने ठोकर पर रखी हो उसे नौकरी नही मिल पाने का मलाल क्यों होगा?मज़े से आज़ाद ज़िंदगी जी रहे आदमी को नौकरी की पाबंदिया क्यों अच्छी लगेगी?खैर जाने दो उनको जो अच्छा लगे वो करे और अपन को जो अच्छा लगे वो अपन करें।कभी आईये रायपुर तो मिलियेग।मेरा नम्बर 9827138888,9425203182 है।फ़िलहाल तो मै नागपुर मे हूं चार-पांच दिनो मे लौटूंगा।

Anonymous said...

फिर मुद्दा ढूंढ निकाल लाये.. कुछ न कुछ लफडा तो निकाल ही लाते है...

ये अगर निकाल लेते हैं तो इसका meaning यही हुया ना कि लफड़ा कहीं ना कहीं था जरूर :-)
किसी ने किया था,रखा था :-D

drdhabhai said...

ये क्या हो रहा है

Smart AKD said...

he bhagvaan uthaale
are mere ko nahin re baba is anamika ko. :)

वीनस केसरी said...

फालतू की नौटंकी है
आप सभी से विनती है लेख लिख कर हाईलाईट करना बंद करिए चीखने वाले, हल्ला करने वाले, और फालतू प्रलाप करने वाले लोग खुद शांत हो जायेगे
मेरा इससे कोई लेना देना नहीं है मगर अब अच्छा नहीं लग रहा ये सब बस करो भई...
क्या हर कोई एक दुसरे के पीछे हाँथ धो कर पड़ा हुआ है
लोग इतना कुछ कह रहे हैं अगर आमना सामना हो जाये तो गले मिल कर मिलेंगे हाल चाल पूछेंगे और पीछे गाली गुत्ता और भी पता नहीं क्या क्या
क्या ये दोहरापण जरूरी है

वीनस केसरी

डा० अमर कुमार said...


दोहरापन ज़रूरी है ?
अजी, ईहाँ दोहरापन भी दोहरा हो जायेगा ।
जब यह जानेगा कि उसकी दुहाई भी चला करती है, हिन्दी ब्लागिंग में !
जब कुछ लिखने को न मिल रहा हो, आपलोग कुछ सार्थक करें..
और कुछ नहीं तो अपने अपने घरों में जाकर एक और हिन्दीभाषी बढ़ाने का प्रयास करें ।
हिन्दी है तभी तो हिन्दुस्तान है !
दूसरों को टँगड़ी मारते रहने में कभी खुद की टाँग टूट गयी तो ?
तीन दिन से प्रयास कर रहा हूँ कि, अपने असली नाम से टिप्पणी कर पाऊँ ।
जुगाड़ ही न लगा, तकनीकी सहायता चाहिये । कोई देगा ?
- मूर्खाधिराज ।