बहुत हो चुका विवाद। साथी ब्लॉगर की बात ठीक लगती है। हम सब इतना हाइलाइट कर चुके जाखड़ जी को तो अब कुछ हाई टाईड और हाई पावर वाली बात होनी चाहिए
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फिर किसकी वाट लगेगी, देखते हैं
देर किस बात की! एक क्लिक ही तो करना है।
वाट से वाट लगाते चलो
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4 comments:
भई मैं ये तो नहीं जानता कि आप क्यों इस मुद्दे को उछालने पे तुले हैं। ओर न ही मेरा इस प्रसंग में कुछ लेना देना है।
किन्तु फिर भी इतना जरूर कहना चाहूँगा कि हमें विवाद को समाप्त करने का प्रयास करना चाहिए ये नहीं कि जलती आग में ओर घी डालते रहें।
बात सिर्फ इतनी सी है कि प्रवीण जाखड जी ने अपनी समझ के अनुसार अपनी बात कही,वहीं दूसरी ओर संगीता जी ने भी अपना पक्ष रख दिया। बस बात खत्म! कौन सही,कौन गलत, ये भूलकर हमें विवाद को खत्म करना चाहिए न कि बेफलतू के प्रयासों द्वारा उसे ओर हवा दी जाये।
इस प्रकार की हरकतें देखकर मुझे तो लगता है कि इस हिन्दी चिट्ठाजगत को परिपक्व होने में शायद कईं दशक लगने वाले हैं।
you did it at my blog......
Mr. Salim, it is your misunderstanding. From my side there was nothing like that.
السيد سالم ، هي سوء فهم. من جانبي لم يكن هناك شيء مثل هذا
اَب لیجِیے یہاں ایک نیا سلیم-جنان اَخ اڑا تیّار ہو گیا !
सत्य वचन, वाट से वाट लगाते चलो !
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