24 July, 2009

क्या यह लाश कुछ कहाना चाहती है?

बहुचर्चित प्रोफेसर सभरवाल मर्डर केस में नागपुर कोर्ट ने आरोपियों को यह कहते हुए छोड़ दिया था कि कोर्ट के सामने कोई सबूत नहीं पेश किया गया और न कोई गवाह ही सामने आया, इसलिए आरोपियों को बरी किया जा रहा है।

एक ताज़ा घटनाक्रम में प्रो. सभरवाल के बेटे हिमांशु के दोस्त परमिंदर की लाश डीयू कैम्पस में मिली है। परमिंदर पेशे से एकाउंटेंट थे और प्रो. सभरवाल मर्डर केस में आए नागपुर कोर्ट के फैसले खिलाफ एक रैली के आयोजन में लगे थे। परमिंदर रैली के लिए पोस्टर चिपकाने गए हुए थे और आज, शुक्रवार की सुबह परमिंदर की लाश डीयू कैम्पस में मिली।

समाचार यहाँ मौजूद है

क्या आप कुछ कहना नहीं चाहेंगे?

2 comments:

दिनेशराय द्विवेदी said...

कोई राजनैतिक दल जब अपराध करने लगता है तो धीरे धीरे अंडरवर्ड का हिस्सा हो जाता है और संसद में जोर जोर से राजनीति के अपराधीकरण के विरुद्ध चिल्लाता है।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

कानून अन्धा और बहरा है।